सत्ता के खेल की कहानी: भारत के नए उपराष्ट्रपति का चुनाव
पहला अध्याय: जब दिल्ली में हवाएं बदलीं
रामेश शर्मा, दिल्ली के एक वरिष्ठ राजनीतिक पत्रकार, अपने कैबिन में बैठे-बैठे सोच रहे थे। बाहर जुलाई की तपती गर्मी में भी राजधानी की सियासी गलियों में ठंडक का अहसास हो रहा था। क्यों? क्योंकि एक अप्रत्याशित घटना ने पूरे राजनीतिक समीकरण को हिला दिया था।
"यार, किसने सोचा था कि जगदीप धनखड़ जी अचानक स्वास्थ्य समस्याओं का हवाला देकर इस्तीफा दे देंगे?" रामेश ने अपने सहयोगी अनिल से कहा। "अब तो पूरा एनडीए एक नई शतरंज बिछा रहा है।"
और सच में, यह महज़ एक इस्तीफा नहीं था - यह 2025 की सबसे दिलचस्प राजनीतिक कहानी की शुरुआत थी।
दूसरा अध्याय: मोदी जी का मास्टर प्लान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा के कंधों पर एक बड़ी जिम्मेदारी आ गई थी। सिर्फ एक नाम चुनना नहीं था, बल्कि ऐसा व्यक्ति ढूंढना था जो अगले पांच साल राज्यसभा की कमान संभाले और भारतीय राजनीति की दिशा तय करे।
रामेश को याद आया कि चुनाव आयोग ने कितनी चतुराई से पूरा कार्यक्रम बनाया था:
नामांकन की आखिरी तारीख: 21 अगस्त, 2025
जांच की तारीख: 22 अगस्त, 2025
नाम वापसी की आखिरी तारीख: 25 अगस्त, 2025
चुनाव का दिन: 9 सितंबर, 2025
"देखिए न," रामेश ने अपनी पत्नी से कहा, "यह कोई आम चुनाव नहीं है। 781 सांसदों में से एनडीए के पास 422 सीटें हैं। गणित साफ है - जिसे मोदी जी चाहेंगे, वही जीतेगा।"
तीसरा अध्याय: एक नया सितारा उभरता है
राजनीतिक गलियारों में एक नाम तेजी से सुनाई देने लगा था - सेशाद्रि रामानुजन चारी।
रामेश ने जब पहली बार इस नाम के बारे में सुना, तो सोचा, "कौन है यह व्यक्ति जो अचानक से सबकी जुबान पर है?"
थोड़ी खोजबीन के बाद जो कहानी सामने आई, वह वास्तव में दिलचस्प थी:
1953 में मुंबई में जन्म, तमिल ब्राह्मण परिवार में
4 साल की उम्र से आरएसएस शाखा में शामिल
पीएचडी इंडो-पैसिफिक क्षेत्रीय गतिशीलता में
पत्रकार, लेखक और विदेश नीति विशेषज्ञ
भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य
दक्षिण सूडान में यूएन सलाहकार का अनुभव
"इतना दिलचस्प किरदार!" रामेश ने सोचा। "बचपन से संघी, लेकिन कम्युनिस्ट नेताओं अहिल्या रंगनेकर और बी.टी. रानाडिवे से भी मिलना-जुलना। यह तो बैलेंस का परफेक्ट नमूना है!"
चौथा अध्याय: एनडीए की एकजुटता का प्रदर्शन
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई एनडीए की बैठक देखने लायक थी। शिवसेना, जेडीयू, टीडीपी, लोजपा - सभी ने एक स्वर में कहा, "जो मोदी जी और नड्डा जी तय करेंगे, हम उसका समर्थन करेंगे।"
"यह है असली राजनीतिक परिपक्वता," रामेश ने अपने कॉलम में लिखा। "दस साल के शासन में एनडीए ने यह सीखा है कि कैसे सभी को साथ लेकर चलना है।"
पांचवां अध्याय: विपक्ष की चुनौती
दूसरी तरफ, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे विपक्षी पार्टियों में एकजुटता बनाने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन रामेश को पता था कि यह महज़ एक प्रतीकात्मक प्रयास है।
"422 बनाम 359 का गणित इतना आसान है कि कोई भी इसे समझ सकता है," उन्होंने अपने संपादक से कहा।
छठा अध्याय: भविष्य की तस्वीर
रामेश को एहसास हुआ कि यह सिर्फ एक व्यक्ति का चुनाव नहीं है। यह भारतीय लोकतंत्र के भविष्य को आकार देने वाला फैसला है।
उपराष्ट्रपति सिर्फ एक संवैधानिक पद नहीं है - वह राज्यसभा का सभापति है। और राज्यसभा में क्या होता है, उससे पूरे देश की नीतियां प्रभावित होती हैं।
समापन: एक नए युग की शुरुआत
जब रामेश ने अपनी कहानी पूरी की, तो उन्हें लगा कि वे सिर्फ एक राजनीतिक घटना के गवाह नहीं बने, बल्कि भारतीय लोकतंत्र के विकास की एक महत्वपूर्ण कड़ी देख रहे हैं।
मुख्य सबक:
- वैचारिक स्थिरता: आरएसएस की पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार का चुनाव
- क्षेत्रीय संतुलन: दक्षिण भारतीय प्रतिनिधित्व की समझ
- अनुभव की प्राथमिकता: लोकप्रियता से ज्यादा संसदीय ज्ञान का महत्व
रामेश ने अपनी डायरी में लिखा: "आज मैंने देखा कि कैसे आधुनिक भारत में राजनीति सिर्फ वोट बैंक से नहीं, बल्कि दूरदर्शी सोच से भी चलती है। यह कहानी अभी खत्म नहीं हुई है - बल्कि एक नए अध्याय की शुरुआत है।"
यह कहानी भारतीय राजनीति के उस पहलू को दिखाती है जो अक्सर न्यूज हेडलाइन्स में छुप जाता है - रणनीति, व्यक्तित्व और दूरदर्शिता का अनूठा मिश्रण।
FAQ Section
Q: When will the NDA announce its vice president candidate?
A: Based on current indications, the announcement is expected by August 13, 2025, well before the nomination deadline of August 21.
Q: What are Seshadri Chari's main qualifications for the vice president post?
A: Chari brings a unique combination of RSS ideological grounding, extensive foreign policy experience, academic credentials (PhD), and understanding of parliamentary procedures through his BJP leadership roles.
Q: Why did Jagdeep Dhankhar resign as vice president?
A: Dhankhar cited health concerns for his resignation, though this has led to speculation about possible tensions with the government.
Q: How does the vice president election process work?
A: The vice president is elected by an electoral college comprising all members of both Lok Sabha and Rajya Sabha through secret ballot voting.
Q: Can the opposition challenge the NDA candidate effectively?
A: While the opposition may field a candidate for democratic propriety, the NDA's comfortable majority of 422 out of 781 electoral college members virtually ensures their candidate's victory.